"सब तंत्रों से भी बढ़कर है "जनतंत्र " यह सबित हो गया !!" "सब तंत्रों से भी बढ़कर है "जनतंत्र " यह सबित हो गया !!"
वो नारी मूर्ति नहीं, है इंसान, उस मातृशक्ति को मेरा कोटि-कोटि प्रणाम।। वो नारी मूर्ति नहीं, है इंसान, उस मातृशक्ति को मेरा कोटि-कोटि प्रणाम।।
अब सूरज बनकर चमकेगी वो आज एक नारी सब पर भारी है, क्योंकि ये आज की नारी है। अब सूरज बनकर चमकेगी वो आज एक नारी सब पर भारी है, क्योंकि ये आज की नारी है।
ये भारत की नारी है पुरूषो पर भारी है ये भारत की नारी है पुरूषो पर भारी है
चाहे तो चमका सकती है, अपने बल से वसुधा सारी। चाहे तो चमका सकती है, अपने बल से वसुधा सारी।
नाश करो कुदृष्टि का नाश करो नारी को अपमानित करने वालों का। नाश करो कुदृष्टि का नाश करो नारी को अपमानित करने वालों का।